ओवरथिंकिंग से हैं परेशान, दिमाग को रीसेट करने के लिए करें ये योगासन!
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ओवरथिंकिंग से हैं परेशान, दिमाग को रीसेट करने के लिए करें ये योगासन!


आज के समय में बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और योग करना बेहद जरूरी है. रोजाना बालासन योग करने से सेहत से जुड़ी समस्या दूर हो सकती है. 

ओवरथिंकिंग से हैं परेशान, दिमाग को रीसेट करने के लिए करें ये योगासन!

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में जहां सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वहीं योग एक ऐसा तरीका है जो न केवल शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि चाहे बच्चा हो या बुजुर्ग, हर व्यक्ति के लिए रोजाना योग-व्यायाम की आदत डालना न केवल फिजिकल फिटनेस को बेहतर बनाता है बल्कि कई बीमारियों से दूर रखने में भी मददगार साबित होता है. इन्हीं योगाभ्यासों में एक है 'बालासन' यानी चाइल्ड पोज. सुनने में यह बच्चों के लिए बना कोई आसन लगता है, लेकिन योग विशेषज्ञ इसे युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के लिए लाभकारी मानते हैं.

बालासन के फायदे 
आयुष मंत्रालय के अनुसार, बालासन के अभ्यास से शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है. इस मुद्रा के दौरान शरीर जमीन से सटा होता है, और व्यक्ति का ध्यान सांसों पर केंद्रित रहता है, यही कारण है कि यह तनाव और चिंता को दूर करने में काफी प्रभावी माना जाता है. यह आसन खासतौर से रीढ़ की हड्डी, कूल्हों, जांघों और टखनों को खिंचाव देने का काम करता है. अगर आप लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं, तो यह कमर और पीठ दर्द से राहत दिलाने में भी सहायक हो सकता है.

मानसिक थकान होती है कम 
बालासन को करते समय गहरी सांस लेने की सलाह दी जाती है, जो मानसिक थकान और बेचैनी को कम करती हैं. यह नकारात्मक ऊर्जा को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. इसके अलावा, यह मुद्रा सिर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है, जिससे एकाग्रता और नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.
बालासन करते समय पेट के निचले हिस्से पर हल्का दबाव पड़ता है, जो पाचन क्रिया को सक्रिय करने में सहायक होता है. यही वजह है कि आयुर्वेद भी इस आसन को भोजन के कुछ समय बाद करने की सलाह देता है, ताकि पाचन संबंधी समस्याओं से बचा जा सके. 

कैसे करें आसान 
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की स्थिति में बैठें. अब गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं. सांस छोड़ते हुए शरीर को धीरे-धीरे आगे की ओर झुकाएं. माथा जमीन से स्पर्श करे और दोनों हाथ सामने जमीन पर सीधे रखें. कुछ समय इस मुद्रा में बने रहें, फिर धीरे-धीरे वापस वज्रासन की स्थिति में आ जाएं.

इस दौरान कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. जिन लोगों को घुटनों या पीठ में तेज दर्द रहता है, वे इस आसन को करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें. हाई ब्लड प्रेशर या चक्कर आने की समस्या वाले लोगों को भी यह मुद्रा सावधानीपूर्वक करनी चाहिए.

इनपुट-आईएएनएस

Disclaimer प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.  Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

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