Supreme Court on Bihar SIR: सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग (Election Commission ) को पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड (Aadhaar cards) और EPIC नंबर को वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करने का भी निर्देश दिया है.
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Bihar SIR Big Update: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची से छूटे 65 लाख लोगों का विवरण मंगलवार तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाला बागची की बेंच ने चुनाव आयोग (Election Commission ) को पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड (Aadhaar cards) और EPIC नंबर को वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करने का भी निर्देश दिया. बेंच पीठ ने कहा, 'छूटे हुए 65 लाख मतदाताओं के बारे में पारदर्शिता ज़रूरी है ताकि लोग स्पष्टीकरण या सुधार मांग सकें.'
फिर से समझिए सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को क्या आदेश दिया?
सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग को दिए आदेश में कहा, '65 लाख मतदाताओं जिनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है उनका नाम जिला निर्वाचन अधिकारी के वेबसाइट पर शेयर किया जाएगा. जिसमें वजह बताई जाएगी कि उनका नाम क्यों काटा गया है. इस की सूचना सभी प्रमुख समाचार पत्रों, टीवी, रेडियो के द्वारा दी जाएगी. यह लिस्ट सभी संबंधित BLO के ऑफिस के बाहर, पंचायत भवन में भी लगाई जाएगी.'
सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई
इससे पहले चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था- '14 दिनों के बाद किसी भी राजनीतिक दल द्वारा कोई दावा या आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई है.'
Bihar SIR | After 14 days, no claim or objection has been submitted by any political party, says the Election Commission of India. pic.twitter.com/IlR6DlsZJH
— ANI (@ANI) August 14, 2025
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में SIR पर लगातार सुनवाई जारी है. इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को मतदाता सूची अपडेट करने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ों की सूची में शामिल करने की सलाह दी थी.
FAQ
सवाल- क्या है SIR, जानें इससे जुड़ी तकनीकि बातें
जवाब- बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चुनाव आयोग वहां स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) करवा रहा है. इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल के साथ कई क़ानूनी और वैधानिक सवाल भी उठ रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग इस विशेष गहन पुनरीक्षण की आड़ में पिछले दरवाजे से लोगों की नागरिकता की जांच कर रहा है. हालांकि, ECI ने SC में ये आश्वासन दिया है कि अगर कोई व्यक्ति मतदाता सूची से बाहर हो जाए, तो इसका मतलब यह नहीं होगा कि उसकी नागरिकता समाप्त हो गई है.
सवाल- SIR के कौन -कौन से दस्तावेज मान्य हैं?
जवाब- 1-केंद्र, राज्य या पीएसयू के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश (PPO). 2- 01.07.1987 से पूर्व निर्गत किया गया कोई भी पहचान पत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज. 3- जन्म प्रमाण पत्र, 4- पासपोर्ट. 5- मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र. 6- स्थायी निवास प्रमाण पत्र. 7- वन अधिकार प्रमाण पत्र. 8- जाति प्रमाण पत्र. 9- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां यह उपलब्ध हो. 10- राज्य/स्थानीय प्राधिकारों द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर. 11- सरकार का कोई भी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र
सवाल- बिहार में कितने लोगों ने फॉर्म भरा है?
जवाब-बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के बीच बीते रविवार की शाम तक 1 करोड़ 69 लाख मतदाताओं ने अपना फॉर्म भर दिया है. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया था कि मतदाता बिना दस्तावेज के भी फॉर्म भरकर जमा कर सकते हैं.