Strong Joints Tips: जोड़ों में दर्द फिजिकल एक्टिविटी की कमी का एक बड़ा साइड इफेक्ट है. यदि आप बुढ़ापे तक अपने जोड़ों को मजूबत बनाएं रखना चाहते हैं, तो अभी होने वाले दर्द को चेतावनी समझें और आज से ही इन 7 चीजों को करना शुरू कर दें.
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उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही हड्डियां भी अपनी शक्ति और कार्य करने की क्षमता खोने लगती है. हालांकि ये एक नेचुरल प्रोसेस है, इसके विपरीत जाना संभव नहीं है. लेकिन इस प्रक्रिया को धीमा जरूर किया जा सकता है. इसके लिए आपको आज से ही अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत है. खासतौर पर यदि आप जवानी में ही जोड़ों के दर्द से पेरशान हैं.
गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल के ऑर्थोपेडिक्स डायरेक्टर, डॉ. देबाशीष चंदा ने एचटी लाइफस्टाइल से बातचीत में बताया कि मजबूत घुटनों के लिए कुछ आदतों में बदलाव लाना जरूरी है. उनका कहना है कि अगर अभी से घुटनों का ख्याल रखना शुरू कर देंगे, तो आने वाले सालों में खुद को इसका फायदा मिलेगा.
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घुटनों को मजबूत बनाने के लिए क्या करें
वेट कंट्रोल रखें
शरीर का ज्यादा वजन घुटनों पर ज्यादा दबाव डालता है. हर कदम पर घुटनों को आपके वजन का लगभग चार गुना भार उठाना पड़ता है. ऐसे में स्वस्थ वजन बनाए रखने से घुटनों पर दबाव कम होता है और चोट या लंबे समय तक चलने वाली समस्याओं का खतरा घटता है.
ज्यादा से ज्यादा चलें-फिरें
घुटनों को लचीला और स्वस्थ रखने के लिए लगातार मूवमेंट जरूरी है. वॉकिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग या योग जैसे लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज घुटनों के लिए बेहतर हैं. ये जोड़ों को मजबूत रखते हैं और चोट का खतरा कम करते हैं.
मसल्स को मजबूत बनाएं
घुटनों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए पैरों की मांसपेशियां, खासकर हैमस्ट्रिंग और क्वाड्स मजबूत होना जरूरी है. इसके लिए बॉडीवेट स्क्वाट, लंज या लेग रेज जैसे व्यायाम करें, लेकिन सही पोजिशन में जिससे कि चोट से बचा जा सके.
स्ट्रेचिंग करें
कई बार घुटनों के आसपास की टाइट मांसपेशियां खिंचाव और दर्द का कारण बनती हैं. ऐसे में रोजाना स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियां ढीली रहती हैं और सही एलाइनमेंट बना रहता है. वर्कआउट के बाद या दिन के अंत में जांघ, पिंडली और कूल्हे की स्ट्रेचिंग करें.
सही जूते पहनें
चलने या व्यायाम के समय ऐसे जूते पहनें जिनमें अच्छा आर्च सपोर्ट और कुशनिंग हो. पुराने या घिसे हुए जूतों का इस्तेमाल न करें और ऊंची हील वाले जूते लंबे समय तक न पहनें.
सही पॉश्चर का ध्यान रखें
गलत पॉश्चर सिर्फ पीठ ही नहीं, घुटनों की पोजिशन पर भी असर डालता है. खड़े होते समय सीधा खड़े रहें, बैठते समय पीठ सीधी रखें और वजन उठाते या व्यायाम करते समय सही फॉर्म का पालन करें.
दर्द को नजरअंदाज न करें
दर्द इस बात का संकेत है कि शरीर में कुछ गड़बड़ है. अगर हर बार घुटनों में दर्द हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें. आराम करें, बर्फ से सिंकाई करें और अगर दर्द लंबे समय तक रहे, तो डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.