Dog Bites: गाजियाबाद में कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही है. गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि जनवरी 2022 से जुलाई 2025 तक यानी करीब 3 साल 7 महीने के दौरान 3,07,000 लोग कुत्तों के काटने का शिकार हुए हैं.
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Ghaziabad News: गाजियाबाद जिले में कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. अब सरकारी आंकड़े चौंकाने वाले स्तर पर पहुंच गए हैं. गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जनवरी 2022 से जुलाई 2025 तक यानी करीब 3 साल 7 महीने के दौरान 3,07,000 लोग कुत्तों के काटने का शिकार हुए हैं. यह आंकड़ा सिर्फ उन लोगों का है जिन्होंने सरकारी अस्पतालों में इलाज और वैक्सीन के लिए संपर्क किया है.
पीड़ितों ने प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों में कराया होगा इलाज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) अखिलेश मोहन के अनुसार, जिले के 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), 3 जिला अस्पताल, 2 पचास-बेड अस्पताल और अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Urban PHC) में ये मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में पीड़ितों ने प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों में भी इलाज कराया होगा. सीएमओ ने बताया कि गाजियाबाद में डॉग बाइट्स के सभी मरीजों को तुरंत वैक्सीन लगाई जाती है और वर्तमान में जिले में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है. उनका कहना है कि औसतन रोजाना करीब 250 डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं. इनमें तीसरी डोज लेने वाले मरीज भी शामिल होते हैं. अधिकतर गंभीर मामले स्ट्रीट डॉग्स के काटने से जुड़े हैं, जबकि घरों में पाले गए कुत्तों का समय-समय पर वैक्सीनेशन कराने से रेबीज का खतरा कम रहता है.
अस्पताल जाकर कराएं इलाज
अखिलेश मोहन ने सलाह दी कि कुत्ते के काटने की किसी भी घटना को हल्के में न लें और तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर इलाज कराएं. ताकि संक्रमण और रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सके. वहीं आवारा कुत्तों को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नगर निगम अब आदेश को पढ़ने के बाद उसे लागू करने की बात करता हुआ नजर आ रहा है. नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनुज कुमार ने बातचीत में बताया सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक बार मिल जाने के बाद उसे लागू किया जाएगा.
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दो चलाए जा रहे एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर
हालांकि देखना होगा कि उसके लिए क्या-क्या संसाधन जुटाना पड़ेंगे. अभी निगम द्वारा दो एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर चलाए जा रहे हैं, जहां पर 50 की संख्या में कुत्तों को लाकर उनके स्टेरलाइजेशन का कार्य किया जाता है. दो-तीन दिन वहां रखने के बाद उन्हें वापस उन्हें उन के स्थान पर छोड़ दिया जाता है. हालांकि जानकारो के अनुसार गाजियाबाद में लाखों की संख्या में स्ट्रीट डॉग है. ऐसे में उन्हें एक स्थान पर रखना और उनकी व्यवस्था करना नगर निगम के लिए काफी चैलेंजिंग साबित होगा.
Input- Piyush Gaur
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